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पुस्तकालय –
प्राचीन काल में शिक्षा पद्धति इतनी उन्नत नहीं थी और साथ ही पुस्तकों का भी अभाव था इसलिए पुस्तकालय की स्थापना की गई जहां पर सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाती थी ताकि सभी लोग आकर उन पुस्तकों से ज्ञान अर्जित कर सकें.
शिक्षा के क्षेत्र में यह बहुत ही अच्छा कदम साबित हुआ. एक सार्वजनिक पुस्तकालय में धर्म साहित्य वाणिज्य कला विज्ञान पत्र पत्रिकाएं बच्चों के मनोरंजन के लिए ज्ञानवर्धक एवं चुटकुलों की किताब और पुराने ग्रंथ दादी सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध होती है.
पुस्तकालय में कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी इच्छा के अनुसार किताबों का चयन करके उसे पुस्तकालय में बैठ कर पढ़ सकता है कुछ पुस्तकालय में किताबें कुछ समय के लिए घर पर ले जाने के लिए भी दी जाती है.
पुस्तकालयों के कारण नई नई किताबें पढ़ने वाले जिज्ञासु लोगों और ज्ञान की वृद्धि करने के लिए विद्यार्थियों को बहुत अधिक लाभ हुआ.
पुस्तकालय की विशेषता –
(1) पुस्तकालयों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पाठकों को अंतर्मुखी और चिंतनशील बनाते है.
(2) पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए शांत माहौल मिलता है जिसे एकाग्र होकर हम पढ़ाई कर सकते है.
(3) पुस्तकालय में देश दुनिया में क्या हो रहा है और आगे क्या होने वाला है इसका पता लगता है
(4) पुस्तक पढ़ने से हमारे सोचने समझने की शक्ति का विकास होता है.
(5) यहां पर हमें ज्ञान अर्जन करने के लिए अधिक मूल्य की आवश्यकता नहीं होती है.
(6) प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक समीक्षक आर. ए. रिएर्ड्स लिखा था कि अगर हम किसी अच्छी पुस्तक को पढ़ते हैं तो उससे हमारी सोच बदल जाती है जिससे व्यक्ति का पुन: सर्जन होता है.
(7) यहां पर हमें प्रत्येक भाषा में किताबें पढ़ने को मिलती है इसलिए किसी भी देश का नागरिक यहां पर आकर किताबें पढ़ सकता है.
(8) पुस्तकें हमें दूसरे देशों की संस्कृतियों और सामाजिक जीवन से जोड़ती है.